प्राकृतिक संसाधन केन्द्रित अधिकार और आजीविका के लिये पहल

महात्मा गाँधी सेवा आश्रम द्वारा विगत लगभग 10 वर्षों से मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, उड़ीसा, छत्तीसगढ़, असम और मणिपुर के अंतर्गत 22 जिलों के लगभग 800 गावों में यह सफल अभियान जारी हैइस अभियान के अंतर्गत विगत 10 वर्षों में लगभग 40 हज़ार परिवारों के मध्य कार्य करते हुये अनेक सफलताये हासिल की गयी हैं

ग्राम नेतृत्व का विकास

लगभग 5000 ग्रामीण युवाओं को पंचायती राज, वनाधिकार क़ानून, भूमि सुधार आदि का प्रशिक्षण दिया गया –जो सफलतापूर्वक जन-जागरूकता के लिये कार्यरत हैं

वनाधिकार क़ानून (2006) का क्रियान्वयन

11448 दावे दर्ज़ किये गये और 2582 पात्र लोगों को व्यक्तिगत अधिकार प्राप्त हुये और 2447 महिलाओं कोवनाधिकार के अंतर्गत संयुक्त अधिकार हासिल हुआ

जैविक खेती का संवर्धन

स्थानीय संसाधनों के उपयोग से जैविक खेती के प्रशिक्षण के फलस्वरूप 2800 से अधिक किसानों नें जैविक खेतीको अपनाया जिसमें 50 प्रतिशत से अधिक महिला किसान हैं

जल संसाधनों का संरक्षण

ग्रामीणों के स्वैच्छिक भागीदारी से लगभग 50 से अधिक श्रमदान शिविरों के माध्यम से 44 जल संग्रहणसंरचनाओं का निर्माण और सुधार किया गया. संरक्षित जल का उपयोग घरेलू और खेती के कार्यों में किया जा रहाहै

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